चुन चुन के तिनके मैने, बनाया है घौंसला।
बाहर से कितना प्यारा, अन्दर से खोखला ।।
पिरोता रहा मैं मोती, माला बिखरती रही ।
कुछ यूँ ही कंटीला जिंदगी निकलती रही ।।
बाहर से कितना प्यारा, अन्दर से खोखला ।।
पिरोता रहा मैं मोती, माला बिखरती रही ।
कुछ यूँ ही कंटीला जिंदगी निकलती रही ।।
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